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मनीला: फिलीपींस (Philippines) के राष्ट्रपति रोड्रिगो दुतेर्ते (Rodrigo Duterte) एक बार फिर अपनी सनक मिजाजी के लिए सुर्खियों में हैं. राष्ट्रपति ने विद्रोहियों (Rebels) को गोली मारने का आदेश दिया है और रविवार को पुलिस (Police) कार्रवाई में हुई कुछ लोगों की मौत को सही ठहराया है. वहीं, मानवाधिकार संगठनों ने दुतेर्ते के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. उन्होंने पुलिस की कार्रवाई को हत्या करार देते हुए कहा है कि सरकार विरोधियों को खामोश करने के लिए मानवाधिकारों को कुचल रही है.
Duterte ने यह कहा था
हमारी सहयोगी वेबसाइट WION में छपी खबर के अनुसार, फिलीपींस की पुलिस ने रविवार को छापेमारी (Police Raid) की थी, इस दौरान कम से कम नौ लोगों की मौत हो गई. पुलिस का कहना है कि सभी विद्रोहियों के पास हथियार थे, इसलिए उन्हें भी गोलियां चलानी पड़ीं. जबकि मानवाधिकार संगठनों (Human Rights Organisations) का कहना है कि पुलिस ने जानबूझकर उन्हें मौत के घाट उतारा है. पुलिस की यह कार्रवाई राष्ट्रपति रोड्रिगो दुतेर्ते के उस बयान के बाद हुई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि यदि विद्रोहियों के पास हथियार हैं, तो मानवाधिकारों की चिंता किए बिना उन्हें गोली मार दी जाए.
Spokesman ने किया बचाव
राष्ट्रपति रोड्रिगो दुतेर्ते के प्रवक्ता हैरी (Harry Roque) ने ‘मारने’ संबंधी आदेश का बचाव करते हुए कहा कि राष्ट्रपति ने केवल सशस्त्र विद्रोहियों को ही मारने का आदेश दिया है. इसके बावजूद सरकार रविवार की पुलिस कार्रवाई की जांच करेगी. वहीं, फिलीपींस में ईसाइयों का सबसे प्रभावशाली चर्च समूह ‘कैथोलिक बिशप कांफ्रेंस’ भी सरकार के खिलाफ आ गया है. उसने बयान जारी करते हुए रविवार की खूनी होली के लिए राष्ट्रपति की निंदा की है.
Police ने दी सफाई
एंटी-रिबेल टास्क फोर्स के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एंटोनियो परलाडे ने न्यूज एजेंसी Reuters को बताया कि पुलिस की कार्रवाई पूरी तरह से कानून के अनुरूप थी. पुलिस के पास हथियारों और विस्फोटकों की जांच करने के लिए वारंट थे. जबकि मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि पुलिस ने सब कुछ सोची-समझी रणनीति के तहत किया. उनके अनुसार, राष्ट्रपति दुतेर्ते के ड्रग्स के खिलाफ कथित युद्ध में अब तक हजारों निर्दोष लोग मारे जा चुके हैं. अधिकांश मामलों में पुलिस का यही तर्क होता है कि विरोधियों के पास हथियार थे और वह अपनी गिरफ्तारी का विरोध कर रहे थे.
Communists का चाहते हैं सफाया
2016 में सत्ता में आने के बाद से रोड्रिगो दुतेर्ते कम्युनिस्ट विद्रोहियों के खिलाफ अभियान छेड़े हुए हैं. वह चाहते हैं कि कम्युनिस्ट का पूरी तरह से सफाया हो जाए, इसीलिए उन्होंने पुलिस को विद्रोहियों को मारने की पूरी आजादी दी है. बता दें कि दुतेर्ते विवादास्पद बयानों के लिए भी विख्यात हैं. कुछ वक्त पहले उन्होंने महिलाओं को लेकर अजीब टिप्पणी की थी. उन्होंने कहा था कि सत्ता संभालना महिलाओं के बस की बात नहीं है. महिलाएं अपनी भावनाओं पर नियंत्रण नहीं रख पातीं, जिसकी वजह से वो पुरुषों के मुकाबले कमजोर हो जाती हैं.
Reported By:ADMIN
