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देवदत्त पड्डीकल. ये नाम ज़्यादातर क्रिकेट फैंस ने IPL 2020 UAE सीज़न में सुना. जब विराट कोहली की टीम RCB के लिए कुछ भी अच्छा नहीं हो रहा था तो ये बल्लेबाज़ अकेले खूंटा गाढ़े खड़ा था.
कर्नाटक के ओपनिंग बल्लेबाज़ देवदत्त पड्डीकल एक बार फिर से सुर्खियों में हैं. लेकिन इस बार IPL को लेकर नहीं बल्कि विजय हज़ारे ट्रॉफी में कमाल के प्रदर्शन की वजह से. सोमवार के दिन केरल के खिलाफ नॉक-आउट स्टेज में बल्लेबाज़ी करते हुए देवदत्त ने शानदार शतक बनाया जो कि लगातार चौथी पारी में उनका चौथा शतक बन गया.
दिल्ली के पालम क्रिकेट मैदान पर देवदत्त केरल के खिलाफ अपनी टीम कर्नाटक के लिए पारी शुरू करने उतरे. बस इसके बाद तो उनका बल्ला वैसा ही चला, जैसा इस पूरे सीज़न चला है.
पड्डीकल ने अपनी साथी और कप्तान रविकुमार समर्थ के साथ मिलकर पहले विकेट के लिए 249 रन जोड़ दिए. इस दौरान देवदत्त के बल्ले से 101 रन निकले. उनकी इस पारी की मदद से कर्नाटक की टीम ने 50 ओवर में 338 रन बनाए. पड्डीकल के अलावा कप्तान रविकुमार ने शानदार 192 रन बनाए.
क्वार्टर फाइनल से पहले तीन पारियों में जमाए तीन शतक:
पड्डीकल IPL 2021 से पहले बेहतरीन फॉर्म में हैं. इस क्वार्टर फाइनल मुकाबले से पहले ग्रुप स्टेज के आखिरी मैच में रेलवे के खिलाफ देवदत्त ने 145 रनों की पारी खेली थी.
जबकि उससे पहले केरल के खिलाफ ही उन्होंने नॉट-आउट 126 रन बनाए थे. केरल से पहले ओडिशा की टीम के साथ शतकों का ये सिलसिला शुरू हुआ था. उस मुकाबले में तो देवदत्त ने अपने करियर की बेस्ट 152 रन की पारी खेली थी.
ये बात है पिछली चार पारियों में शतकों की. लेकिन इन शतकों के अलावा भी इस टूर्नामेंट में उनका बल्ला खूब चला है. बिहार के खिलाफ 97 और उत्तर प्रदेश के खिलाफ 52 रन की उनकी पारी भी इन शतकों से कम नहीं है.
कुल मिलाकर विजय हज़ारे ट्रॉफी 2021 में देवदत्त पड्डीकल ने अभी सिर्फ छह मैच खेले हैं. लेकिन इसमें उन्होंने 168.25 के औसत से चार शतक और दो अर्धशतक बनाते हुए कुल 673 रन बनाए हैं.
IPL 2020 में भी किया था कमाल का प्रदर्शन:
देवदत्त पड्डीकल को विराट कोहली ने अपनी टीम में चुना और एरॉन फिंच के साथ पारी शुरू करने का मौका दिया. फिंच तो नहीं चले लेकिन पड्डीकल ने अपना स्लॉट फिक्स कर लिया. पिछले IPL सीज़न में पड्डीकल ने 124.80 की स्ट्राइक रेट से 473 रन बनाए थे.
पिछले सीज़न वो RCB के लिए सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज़ थे. जबकि IPL 2020 में सबसे ज़्यादा रन बनाने वालों में टॉप-8 में भी शामिल थे.
देवदत्त पड्डीकल की ये फॉर्म उनकी IPL टीम RCB को भी तसल्ली दे रही होगी.
देवदत्त को कैसे मिली पहचान:
साल 2019. तारीख 30 नवंबर. सूरत का लालभाई कॉन्ट्रैक्टर स्टेडियम. मुश्ताक़ अली T-20 टूर्नामेंट का पहला सेमीफ़ाइनल खेला जा रहा था. हरियाणा ने कर्नाटक के सामने 195 रनों का टारगेट रखा. हरियाणा के तरक़श में युजवेंद्र चहल, अमित मिश्रा और जयंत यादव थे. लक्ष्य बड़ा था और शिकारी अनुभवी, लेकिन उस दिन शिकारी ही शिकार बनने वाले थे. पडिक्कल और केएल राहुल की सलामी जोड़ी ने 9.3 ओवर में ही 125 रनों की पार्टनरशिप कर डाली. राहुल 66 रन बनाकर आउट हो गए, मगर पडिकल्ल का बल्ला यूं ही रन उगलता रहा.
कर्नाटक ने जब टारगेट भेदा, तब उनके खाते में पांच ओवर बचे हुए थे. पडिक्कल का कुल स्कोर था, 42 गेंदों पर 87 रन. 11 चौके और 4 गगनचुंबी छक्के. टूर्नामेंट खत्म होने पर कर्नाटक के पास दो ट्रॉफ़िया थीं. एक विजेता वाली और एक देवदत्त पडिक्कल के रूप में. पूरे टूर्नामेंट में कोई उसके आस-पास भी नज़र नहीं रहा था. 12 मैचों में 175.76 के स्ट्राइक रेट से 580 रन. दूसरे नंबर पर रुतुराज गायकवाड़, पडिक्कल से 161 रन पीछे थे. ये एक आंकड़ा भर है, जो इस खिलाड़ी की अहमियत साबित करता है.
सेमीफ़ाइनल में देवदत्त पडिक्कल की बैटिंग को एक बेहद खास आदमी भी देख रहा था. एक समय न्यू ज़ीलैंड का कोच और अब RCB का डायरेक्टर. नाम माइक हेसन. बैटिंग देखकर उनको थोड़ा अफसोस हुआ. साथ ही चेहरे पर मुस्कान भी तैर गई. ऐसा क्यों था? दरअसल, पडिक्कल 2019 के IPL में RCB का हिस्सा थे. बेंच पर बैठे रह गए. टीम अच्छी ओपनिंग पार्टनरशिप के लिए तरसती रह गई और दुर्गति के साथ लीग फ़ेज में ही बाहर निकल गई थी. माइक हेसन ने अपना इरादा पक्का कर लिया था.
इरादा ऐसा पक्का किया कि IPL 2021 में भी देवदत्त ही RCB के लिए पारी शुरू करते दिखेंगे.
Reported By:ADMIN
